आईबीएन, प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान इन 11 संकल्पों को रखते हुए देश के समग्र विकास और एकता पर जोर दिया। ये संकल्प न केवल नागरिकों और सरकार की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं, बल्कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद, और गुलामी की मानसिकता जैसे मुद्दों पर भी स्पष्ट दृष्टिकोण पेश करते हैं।
इन 11 संकल्पों की प्रमुख बातें:
1. कर्तव्यों का पालन: नागरिक और सरकार दोनों का अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करना।
2. समग्र विकास: सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत के तहत हर समाज और क्षेत्र को विकास का लाभ देना।
3. भ्रष्टाचार पर सख्ती: भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता को खत्म करना।
4. कानून और परंपराओं पर गर्व: नागरिकों में देश के कानून, नियम और परंपराओं के प्रति गर्व की भावना विकसित करना।
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति: स्वतंत्रता की सोच को बढ़ावा देना और देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना।
6. परिवारवाद मुक्त राजनीति: राजनीति को वंशवाद से मुक्त करना।
7. संविधान का सम्मान: संविधान को राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल न करना और उसकी भावना का पालन करना।
8. आरक्षण की सुरक्षा: मौजूदा आरक्षण को संरक्षित रखना और धर्म के आधार पर आरक्षण को रोकना।
9. महिलाओं का सशक्तिकरण: महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में भारत को दुनिया के लिए एक मिसाल बनाना।
10. राज्य और राष्ट्र का विकास: राज्यों के विकास के जरिए राष्ट्र के विकास की दिशा में काम करना।
11. एक भारत श्रेष्ठ भारत: राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखना।
