Inspirational Story । एक गांव का लड़का जंगल में लकड़ियां काट कर शाम को पास वाले शहर के बाजार में बेचकर अपना गुजारा करता था। वह इस संसार में अकेला था। एक दिन कोई व्यक्ति बाजार से जा रहा था। उसने देखा कि उस बालक का गट्ठर बहुत ही सुंदर व मजबूती से बंधा हुआ है।
उसने उस लड़के से पूछा, ”क्या यह गट्ठर तुमने बांधा है ?
लड़के ने जवाब दिया, ”जी हां, मैं दिन भर लकड़ी काटता हूं। स्वयं गट्ठर बांधता हूं और रोज शाम को गट्ठर बाजार में बेचता हूं।
पर उस व्यक्ति को उस पर यकीन नहीं हुआ। उस व्यक्ति ने अनुरोध किया, ”क्या तुम इसे खोलकर इसी प्रकार दोबारा बांध सकते हो?” ”जी हां, यह देखिए”
इतना कहते हुए लड़के ने गट्ठर खोला तथा बड़े ही सलीके से पुन: उसे बांध दिया। यह कार्य वह बड़े लगन और फुर्ती के साथ कर रहा था।
लड़के के काम करने का तरीका देखकर उस व्यक्ति ने कहा, ”क्या तुम मेरे साथ चलोगे ? मैं तुम्हें शिक्षा दिलाऊंगा और तुम्हारा सारा व्यय वहन करूंगा।
बालक ने सोच-विचार कर अपनी स्वीकृति दे दी और उसके साथ चला गया। उस व्यक्ति ने बालक के रहने और उसकी शिक्षा का प्रबंध किया। वह स्वयं भी उसे पढ़ाता था। थोड़े ही समय में उस बालक ने लगन तथा कुशाग्र बुद्धि के बल पर उच्च शिक्षा आत्मसात कर ली। बड़ा होने पर यही बालक यूनान के महान दार्शनिक पाइथागोरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ। वह भला आदमी जिसने बालक के भीतर पड़े महानता के बीज को पहचान कर उसे पल्लवित किया, वह था यूनान का विख्यात तत्व ज्ञानी डेमोक्रेट्स।