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लखनऊ 
योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाने के साथ ही उनकी क्षमता का भी पूरा उपयोग करने का इंतजाम कर रही है। सरकार स्किल डेवलपमेंट के साथ युवाओं को स्वावाल‍ंबी बनाने के लिए हर स्तर उनकी मदद की योजना तैयार कर चुकी है।

सरकार तो अब युवाओं को उनके ही जिले में रोजगार देने की कोशिश कर रही है। पहली बार जिला स्तर पर स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुसार कौशल विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके तहत युवाओं को उन्हीं सेक्टरों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनकी उनके जिले में सबसे अधिक मांग है। हर जिले में पांच प्रमुख सेक्टरों की पहचान की जा रही है।

यह चयन स्थानीय उद्योगों की मांग, रोजगार की संभावनाएं और तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखकर होगा। हर जिले में चुने गए पांच सेक्टरों में काम कर रही पांच अग्रणी कंपनियों या औद्योगिक इकाइयों को चिन्ह्ति किया जाएगा। इनके साथ समन्वय कर युवाओं को उनकी मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें उन्हीं कंपनियों में सीधे रोजगार के अवसर मिलेंगे। कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे ने सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) के साथ बैठक कर योजना की रूपरेखा साझा की है। योजना को अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस दौरान जिला प्रशासन, उद्योग प्रतिनिधियों, प्रशिक्षण संस्थानों और मिशन टीम के बीच मजबूत समन्वय किया जाएगा।

मुख्य विकास अधिकारियों को 26 सेक्टरों की सूची सौंपी गई है, जिनमें से उन्हें अपने जिले के लिए पांच उपयुक्त सेक्टरों का चयन करना है। कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि इससे उद्योगों को स्थानीय प्रशिक्षित जनशक्ति मिलेगी, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और युवाओं को घर के पास ही नौकरी मिलेगी।

 

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