नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अब स्कूल शिक्षा में बड़ा परिवर्तन लाने जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बोर्ड जल्द ही एक नया ऑनलाइन मूल्यांकन प्लेटफॉर्म शुरू करने जा रहा है, जो छात्रों की समझ, सोचने की क्षमता और वास्तविक जीवन में ज्ञान के उपयोग को मापेगा। इसका उद्देश्य छात्रों को 21वीं सदी की जरूरतों और स्किल्स से लैस करना है। यह कदम देश की शिक्षा व्यवस्था को रटने वाली पढ़ाई से निकालकर काबिलियत-आधारित शिक्षा प्रणाली की ओर ले जाएगा।
परीक्षा अब डर नहीं, सीखने का हिस्सा बनेगी
सीबीएसई की नई योजना में परीक्षा को केवल अंकों या प्रमोशन का माध्यम नहीं माना जाएगा, बल्कि इसे सीखने की प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्पष्ट कहा गया है कि परीक्षा का उद्देश्य बच्चों की याद करने की क्षमता नहीं, बल्कि विचार, विश्लेषण और समझने की क्षमता को मापना होना चाहिए। इसी दिशा में बोर्ड ने कक्षा 6 से 10 तक के लिए योग्यता-आधारित परीक्षा ढांचा पहले ही लागू कर दिया है। इसमें विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे प्रमुख विषयों पर विशेष फोकस रखा गया है।
सफल: छात्रों की समझ का वैज्ञानिक मूल्यांकन
सीबीएसई द्वारा शुरू किया जा रहा यह नया सिस्टम ”सफल (SAFAL)” (Structured Assessment for Analyzing Learning) कहलाएगा। यह कक्षा 3, 5 और 8 के विद्यार्थियों की परीक्षा एक नए प्रारूप में लेगा।
‘सफल’ (SAFAL) के मुख्य बिंदु:
- मकसद: बच्चों की बुनियादी समझ, ज्ञान के उपयोग और सोचने की क्षमता को परखना।
- ऑनलाइन मूल्यांकन: परीक्षा पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी ताकि नतीजे तेज़ और पारदर्शी हों।
- फायदा: स्कूलों को छात्रों की कमजोरियों और ताकतों का सटीक डेटा मिलेगा, जिससे वे शिक्षण की पद्धति में सुधार कर पाएंगे।
लगातार निगरानी और सुधार का नया मॉडल
सीबीएसई का यह कदम केवल एक बार की परीक्षा व्यवस्था नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार की प्रक्रिया है। सफल’ से मिलने वाले डेटा का उपयोग स्कूल और शिक्षक छात्रों की प्रगति पर निगरानी रखने और शिक्षण रणनीति बदलने में करेंगे।
बोर्ड ने शिक्षकों को निर्देश दिया है कि वे ‘सफल’ की रिपोर्ट का उपयोग केवल अंक बताने के लिए नहीं, बल्कि माता-पिता से संवाद बढ़ाने और छात्रों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन देने में करें।
भविष्य की शिक्षा होगी स्मार्ट और डिजिटल
आने वाले वर्षों में सीबीएसई इस प्रणाली को और आधुनिक बनाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे टूल्स को शामिल किया जाएगा, जो छात्रों की सीखने की गति और रुचि के अनुसार उन्हें व्यक्तिगत सुझाव देंगे। यह बदलाव छात्रों को न केवल परीक्षा में सफल होने में मदद करेगा, बल्कि करियर चुनने और जीवन कौशल विकसित करने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।
नई शिक्षा नीति 2020 का बड़ा विजन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रमुख लक्ष्य छात्रों में आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और व्यावहारिक कौशल को बढ़ावा देना है।
सीबीएसई का ‘सफल (SAFAL)’ इसी विजन को ज़मीनी स्तर पर लागू करने की दिशा में देश की शिक्षा प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
