आईबीएन, भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों पर बिजली बिल का भारी बकाया सामने आया है। प्रदेश के 16 जिलों में 227 करोड़ रुपए का बकाया केवल नगरीय विकास और पंचायत विभागों पर है। वहीं, अगस्त 2025 तक प्रदेशभर के शासकीय कनेक्शनों पर कुल 406 करोड़ रुपए का बिजली बिल बाकी है। यह बकाया राशि 73 हजार से अधिक बिजली कनेक्शनों से जुड़ी है।
यह खुलासा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की रिपोर्ट से हुआ है। कंपनी ने अब सभी संबंधित विभागों को बकाया भुगतान के लिए पत्र लिखे हैं। कंपनी के अनुसार, अगस्त तक की यह राशि अक्टूबर के अंत तक 500 करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने की संभावना है।
विभागवार बकाया – दो मंत्रियों के विभाग सबसे आगे
सबसे अधिक बकाया पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग पर है —
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (मंत्री प्रहलाद पटेल) पर ₹102.32 करोड़ का बकाया है। इस विभाग के कुल 17,049 बिजली कनेक्शन हैं।
- नगरीय विकास एवं आवास विभाग (मंत्री कैलाश विजयवर्गीय) पर ₹125.62 करोड़ का बिल बाकी है, जिसके नाम पर 12,034 कनेक्शन दर्ज हैं।
इन दोनों विभागों पर ही कुल बकाया का लगभग 56% हिस्सा बकाया है। कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल ने दोनों विभागों सहित अन्य प्रमुख विभागों को भी पत्र लिखकर तत्काल भुगतान के निर्देश दिए हैं।
इन विभागों पर भी करोड़ों का बकाया
अन्य विभागों में भी बिजली बिल का बकाया लाखों से बढ़कर करोड़ों में पहुंच गया है —
- महिला एवं बाल विकास विभाग: ₹34.45 करोड़
- स्कूल शिक्षा विभाग: ₹29.64 करोड़
- स्वास्थ्य विभाग: ₹21.07 करोड़
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई): ₹11.35 करोड़
- जल संसाधन विभाग: ₹13.97 करोड़
- गृह विभाग: ₹10.49 करोड़
- ट्राइबल विभाग: ₹6.87 करोड़
कुल मिलाकर इन विभागों के अलावा अन्य छोटे विभागों पर भी 34.21 करोड़ रुपए का बकाया बताया गया है।
कंपनी की चेतावनी- भुगतान नहीं तो कार्रवाई
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने संकेत दिया है कि यदि निर्धारित समय में भुगतान नहीं किया गया, तो विभागीय कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल कंपनी ने ग्वालियर, चंबल और भोपाल संभागों के सभी शासकीय कनेक्शनों की सूची तैयार की है, जिनकी संख्या 72,900 बताई गई है।
कंपनी अधिकारियों के मुताबिक, लंबे समय से बकाया राशि जमा न होने से कंपनी के राजस्व पर असर पड़ रहा है। इससे अन्य विकास और रखरखाव कार्यों पर भी वित्तीय दबाव बढ़ा है।
बकाया राशि (करोड़ रुपए में):
| क्रमांक | विभाग का नाम | कनेक्शन | बकाया राशि |
|---|---|---|---|
| 1 | नगरीय विकास, आवास | 12,034 | ₹125.62 |
| 2 | पंचायत, ग्रामीण विकास | 17,049 | ₹102.32 |
| 3 | महिला, बाल विकास | 9,965 | ₹34.45 |
| 4 | स्कूल शिक्षा | 18,539 | ₹29.64 |
| 5 | स्वास्थ्य | 1,910 | ₹21.07 |
| 6 | लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) | 445 | ₹11.35 |
| 7 | जल संसाधन | 497 | ₹13.97 |
| 8 | गृह विभाग | 2,070 | ₹10.49 |
| 9 | ट्राइबल | 2,805 | ₹6.87 |
| 10 | अन्य विभाग | 5,078 | ₹34.21 |
| कुल | 72,900 | ₹406.36 करोड़ |
500 करोड़ पार होने की आशंका
अगस्त में तैयार की गई यह रिपोर्ट दो महीने पुरानी है। अब अक्टूबर के अंत तक यह बकाया 500 करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच कई विभागों ने अभी तक अपने बकाया बिल का कोई हिस्सा जमा नहीं किया है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह सभी विभागों को समयसीमा में भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दे, ताकि वित्तीय अनुशासन बना रहे और कंपनी को नुकसान न झेलना पड़े।
