आईबीएन, उज्जैन। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या के अवसर पर उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशेष भस्म आरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाबा महाकाल का हनुमान स्वरूप में विशेष श्रृंगार किया गया और तड़के सुबह 4 बजे आरती संपन्न हुई। हजारों श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया और बाबा के दर्शन किए।
मंदिर के पुजारी, पंडित महेश शर्मा बाला गुरु ने बताया कि अमावस्या के इस पावन अवसर पर बाबा महाकाल को हनुमान स्वरूप में सजाया गया। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेने के बाद मंदिर के पट सुबह 4 बजे खोले गए। बाबा को स्नान और पंचामृत अभिषेक के बाद केसर युक्त जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद बाबा का महाबली हनुमान स्वरूप में श्रृंगार किया गया और नवीन मुकुट धारण कराया गया। महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म अर्पित की गई, जिसके बाद भव्य भस्म आरती की गई।
श्रावण मास के दौरान, मंदिर में होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव किया गया था। इस दौरान बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटे पहले जागते थे। इस वर्ष श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई से हुई थी, और तब से भस्म आरती का समय बदलकर तड़के 2:30 बजे किया गया था। आज 3 सितंबर से यह समय वापस सुबह 4 बजे कर दिया गया है, जिससे अब आरती पूर्व निर्धारित समय पर होगी।
भस्म आरती में चलित दर्शन व्यवस्था समाप्त
श्रावण मास के दौरान, बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उनके लिए मंदिर में विशेष चलित दर्शन व्यवस्था की गई थी, ताकि अधिक से अधिक लोग भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें। भस्म आरती के समय में बदलाव के साथ ही अब इस चलित दर्शन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। अब आरती में उन्हीं श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा जिनके पास मंदिर की अनुमति होगी।
भक्ति और आस्था के साथ लगे ‘जय श्री महाकाल’ के जयकारे
इस विशेष भस्म आरती में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल के दर्शन किए। भक्तों ने भगवान शिव की आराधना की और ‘जय श्री महाकाल’ के जयकारे लगाए। इस मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की और अपनी आस्था को और भी दृढ़ किया।
पूर्व निर्धारित समय के अनुसार ही होंगे दैनिक कार्य
मंदिर प्रशासन ने बताया कि अब से मंदिर की सभी दैनिक पूजा और आरती पूर्व निर्धारित समय के अनुसार ही होंगी। इस बदलाव के बाद, मंदिर में आने वाले श्रद्धालु पूर्ववत समय पर बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे और अपनी भक्ति को व्यक्त कर सकेंगे।
विश्व प्रसिद्ध मंदिर का महत्व
उज्जैन का श्री महाकालेश्वर मंदिर अपने भव्य आयोजन और विशेष परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। भाद्रपद अमावस्या पर संपन्न हुई इस विशेष भस्म आरती में शामिल होकर भक्तों ने अपनी आस्था को और भी दृढ़ किया और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त किया।