Hartalika Teej 2024

विवाहित महिलाओं के अखंड सौभाग्य का प्रतीक

हरतालिका तीज महिलाओं के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला पर्व है। इस पर्व के दौरान किए गए व्रत और पूजा से न केवल पति की लंबी आयु की कामना पूरी होती है, बल्कि महिलाओं को अपने जीवन में सुख और शांति का आशीर्वाद मिलता है।

आईबीएन, डेस्क। हरतालिका तीज व्रत विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत पति की लंबी आयु, सुखी वैवाहिक जीवन, और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस विशेष दिन पर महिलाएं पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत को करने से न केवल महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

हरतालिका तीज व्रत और पूजा विधि

इस दिन मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा की जाती है। पूजा का प्रारंभ शुभ मुहूर्त में किया जाता है, जो 2024 में सुबह 06:02 बजे से 08:33 बजे तक है। इसके बाद शाम के प्रदोष काल में, 06:36 से 06:59 बजे तक, विशेष रूप से पूजन किया जाता है। यह व्रत निर्जला होता है, जिसमें महिलाएं पूरे दिन बिना जल और भोजन ग्रहण किए भगवान की आराधना करती हैं।

पूजा के दौरान महिलाएं शिव-पार्वती की प्रतिमा को फूल, सुगंध, और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करती हैं। इस दिन सुहाग की सामग्री जैसे बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, और अन्य 16 श्रृंगार की चीजें माता को अर्पित की जाती हैं। रात भर जागरण और भजन-कीर्तन करते हुए महिलाएं अगली सुबह पूजा करके व्रत का पारण करती हैं।

शुभ मुहूर्त और पूजा का समय

हरतालिका तीज 2024 के लिए प्रमुख पूजा मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

  • सुबह का चर मुहूर्त: 06:02 से 07:36 बजे तक
  • लाभ मुहूर्त: 07:36 से 09:10 बजे तक
  • अमृत मुहूर्त: 09:10 से 10:45 बजे तक
  • शुभ मुहूर्त: 12:19 से 01:53 बजे तक

व्रत के नियम और परंपराएं

हरतालिका तीज व्रत के कड़े नियम होते हैं। व्रती महिलाएं इस दिन कुछ भी खाती-पीती नहीं हैं और व्रत के दौरान पूरी रात भजन-कीर्तन करती हैं। इस व्रत को एक बार करने के बाद इसे हर साल करना अनिवार्य होता है।

पूजा सामग्री और 16 श्रृंगार की सूची

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में गीली मिट्टी, सुपारी, रूई की बत्ती, भगवान के वस्त्र, फल, फूल, कपूर, सिन्दूर, और पंचामृत शामिल हैं। इसके अलावा, सोलह श्रृंगार में बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, पायल, मेहंदी, और मंगलसूत्र जैसी सामग्री विशेष रूप से शामिल होती है।

हरतालिका तीज की कथा और आरती

इस दिन हरतालिका तीज की कथा सुनना और आरती करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की आराधना करते हुए अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

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भगवती-उमा की आराधना मंत्र:

  • ॐ उमायै नम:
  • ॐ पार्वत्यै नम:
  • ॐ जगद्धात्र्यै नम:
  • ॐ जगत्प्रतिष्ठयै नम:

भगवान शिव की आराधना मंत्र

  • ॐ हराय नम:
  • ॐ महेश्वराय नम:
  • ॐ शम्भवे नम:
  • ॐ शूलपाणये नम:

इन मंत्रों का उच्चारण व्रत के दौरान महिलाओं की भक्ति और आस्था को और भी गहरा बनाता है।

हरतालिका तीज की आरती

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।।
जय पार्वती माता…

अरिकुल पद्मा विनासनी, जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता।।
जय पार्वती माता…

सिंह को वाहन साजे, कुंडल है साथा।
देव वधु जहं गावत, नृत्य कर ताथा।।
जय पार्वती माता…

सतयुग शील सुसुन्दर, नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी, सखियन रंगराता।।
जय पार्वती माता…

शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्याता।
सहस भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाथा।।
जय पार्वती माता…

सृष्टि रूप तुही जननी, शिव संग रंगराता।
नंदी भृंगी बीन लाही, सारा मदमाता।।
जय पार्वती माता…

देवन अरज करत हम, चित को लाता।
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता।।
जय पार्वती माता…

श्री प्रताप आरती मैया, की जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता, सुख संपति पाता।।
जय पार्वती माता…