हादसे रोकने महाकुंभ में कांवड़ यात्रा फॉर्मूला

चंद्रकेतु मिश्रा, आईबीएन। महाकुंभ 2025 के दौरान सड़क हादसे रोकने और यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित रखने के लिए कांवड़ यात्रा का मॉडल लागू किया जाएगा। प्रयागराज में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ में, वाहनों को सड़क पर खड़ा करने की अनुमति नहीं होगी। पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की जाएगी, जहां श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, प्रयागराज और आसपास के जिलों के अस्पतालों को भी हाई अलर्ट पर रखा जाएगा और उनके संसाधनों में बढ़ोतरी की जाएगी।

इस बार महाकुंभ की अवधि पिछले आयोजन से कम होकर 45 दिन की है, लेकिन क्षेत्रफल में यह पहले से 800 हेक्टेयर अधिक होगा। पिछली बार जहां 40 थाने और 58 चौकियां बनाई गई थीं, इस बार 56 थाने और 155 चौकियां होंगी। फायर स्टेशनों की संख्या को भी 43 से बढ़ाकर 60 किया जा रहा है। इसके अलावा, पार्किंग एरिया को भी पिछले आयोजन के 125 हेक्टेयर से बढ़ाकर 187 हेक्टेयर तक फैलाया गया है।

नो एक्सीडेंट जोन बनाने की तैयारी

कांवड़ यात्रा के दौरान किए गए उपायों की तरह, महाकुंभ में भी सड़क हादसे रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। श्रावण मास की तरह, सभी प्रमुख रूट्स पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए डायवर्जन प्लान तैयार किया गया है। किसी भी रूट पर ज्यादा श्रद्धालु आने की स्थिति में नोडल अधिकारी और कंट्रोल रूम को अलर्ट कर संबंधित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। आपदा की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए, प्रयागराज और आसपास के जिलों की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। डूबने, स्ट्रक्चरल कोलैप्स और केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर (CBRN) जैसी आपदाओं के मद्देनजर भी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं।

रेलवे क्रॉसिंग पर जाम से बचने के उपाय

रेलवे को भी महाकुंभ के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। मुख्य स्नान पर्वों के दौरान ट्रेनों के प्लेटफार्म्स और उनके आगमन-प्रस्थान की सूचना कुंभ मेला कार्यालय को पहले से देने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे क्रॉसिंग पर जाम की स्थिति न बने। अयोध्या, वाराणसी, मिर्जापुर और प्रयागराज में भी भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को देखते हुए विशेष उपाय किए जा रहे हैं।