चीता परियोजना पर सूचना आयोग सख्त

गणेश पाण्डेय, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्य राज्य सूचना आयुक्त ने मुख्य वन्यजीव वार्डन (CWLW) शुभ रंजन सेन को नोटिस जारी कर 11 मार्च 2025 को तलब किया है। यह नोटिस चीता परियोजना से संबंधित जानकारी को सार्वजनिक न करने और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय बताने के मामले में जारी किया गया

आरटीआई के तहत जानकारी छुपाने का आरोप

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे की याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्य वन प्राणी अभिरक्षक शुभ रंजन सेन ने लोक सूचना अधिकारी वन्य प्राणी मुख्यालय के अधिकारों में अवैध हस्तक्षेप करते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया। उन्होंने चीता परियोजना की जानकारी सार्वजनिक करने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था

इस मामले पर मध्यप्रदेश सूचना आयोग ने शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत महत्वपूर्ण नोटशीट के आधार पर वन्य प्राणी संरक्षण मुख्यालय के मुखिया को लोक सूचना अधिकारी मानते हुए सेन और एपीपीसीएफ को नोटिस जारी किया है

चीता परियोजना और विवाद का मूल कारण

भारत में चीतों को पुनः बसाने के लिए चीता परियोजना शुरू की गई थी, जिसके तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाकर मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया। यह परियोजना वन्यजीव संरक्षण की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं

इस विवाद की सबसे अहम बात यह है कि मध्यप्रदेश वन्य प्राणी संरक्षण मुख्यालय ने स्वीकार किया कि उसके पास चीता लाने वाले विदेशी राष्ट्रों (दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया) के साथ हुए समझौते (MOU) की कोई प्रति उपलब्ध नहीं है। जबकि, विदेशी संबंधों से जुड़े मामलों का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है, न कि राज्य सरकार द्वारा

आरटीआई एक्टिविस्ट का आरोप

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि आरटीआई कानून का उद्देश्य सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। लेकिन इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में जानबूझकर जानकारी छुपाने की कोशिश की गई

उन्होंने कहा कि सूचना आयोग की यह कार्रवाई इस मामले में पारदर्शिता लाने और जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

अब देखना होगा कि 11 मार्च को मुख्य वन्यजीव वार्डन शुभ रंजन सेन सूचना आयोग के समक्ष क्या सफाई पेश करते हैं और सूचना आयोग इस मामले में क्या निर्णय लेता है