आईबीएन, उज्जैन। श्री महाकालेश्वर भगवान की शाही सवारी सोमवार को निकलेगी। शाम 4 बजे भगवान महाकाल के सात स्वरूप नगर भ्रमण पर निकलेंगे, और लाखों भक्त इस भव्य आयोजन में शामिल होंगे। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि भाद्रपद माह की दूसरी और अंतिम सवारी शाही सवारी के रूप में निकाली जा रही है। इस सवारी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर, श्री मनमहेश, शिवतांडव, उमा-महेश, होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा और श्री सप्तधान के मुखारविंद शामिल रहेंगे।
पूजन और नगर भ्रमण का कार्यक्रम
सवारी से पहले, श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद, भगवान रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान को सलामी दी जाएगी। सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी, जहां मां क्षिप्रा के तट पर पूजन और आरती की जाएगी।
इस सोमवार को बन रहा भूतभावन महाकाल की शाही सवारी और सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग
भजन मंडलियों का योगदान
इस भव्य शाही सवारी में 70 भजन मंडलियां शामिल होंगी, जो प्रभु का गुणगान करते हुए चलेंगी। इसके अलावा, साधू-संत, गणमान्य नागरिक, पुलिस बल और मंदिर के पुजारी भी इस सवारी में भाग लेंगे। सवारी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए एम्बुलेंस, विद्युत मंडल का वाहन और फायर ब्रिगेड भी मौजूद रहेंगे।
जनजातीय लोक कला का प्रदर्शन
शाही सवारी में मध्यप्रदेश के लालपुर, डिंडोरी जिले का आदिवासी धुलिया जनजाति गुदुम बाजा लोक नर्तक दल भी अपनी प्रस्तुति देगा। गुदुम बाजा जनजातीय समाज के मांगलिक उत्सवों और धार्मिक अवसरों पर बजाया जाता है, और इस सवारी में इन कलाकारों की प्रस्तुति एक विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। शाही सवारी के दौरान नगर के विभिन्न मार्गों पर विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि सभी भक्तगण आराम से भगवान के दर्शन कर सकें और इस आध्यात्मिक अनुभव का आनंद ले सकें।