मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उद्योगपतियों से संवाद: मध्यप्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण की अपील
आईबीएन, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में कोलकाता में आयोजित एक रोड-शो में उद्योगपतियों से कहा कि विकास की दिशा में सरकार को उद्योग जगत के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने सकारात्मक और सहयोगी दृष्टिकोण से कार्य करने की इच्छा जताते हुए कहा, “मध्यप्रदेश उद्योगपतियों का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत करता है।” उनके अनुसार, भारतीय क्षमता और योग्यता को पहचानते हुए शासन की सकारात्मक सोच और अनुकूलता आवश्यक है ताकि औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए संभावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने कोयम्बटूर से लेकर कोलकाता तक, विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में आने का आमंत्रण दिया। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार रेडीमेड गारमेंट, माइनिंग, ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश के लिए तत्पर है। कोलकाता समिट में 700 डेलिगेट्स शामिल हुए, जहां खाद्य प्र-संस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों से 19,270 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ, जिससे 9,450 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
समिट के उद्घाटन में सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी, मध्यप्रदेश बिरला ग्रुप के संदीप घोष, और टाटा स्टील्स के संदीप कुमार जैसे उद्योग जगत के दिग्गज उपस्थित थे। डॉ. यादव ने निवेश के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था अब विश्व में 5वें स्थान पर है और मध्यप्रदेश भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।” मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि उन्हें अपनी प्रतिभा और क्षमता का उपयोग करते हुए यहां के अवसरों को पहचानना चाहिए।
उद्योगपतियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। एमडी आईटीसी श्री संजीव पुरी ने मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीतियों की सराहना की। एमडी स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के आलोक बिरला ने कहा कि उनकी कंपनी ने कोलकाता से इंदौर अपना व्यवसाय स्थानांतरित किया है, जिसमें उन्होंने पहले 40 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो अब 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अवसरों की पहचान पर जोर देते हुए डॉ. यादव ने कहा कि “भारतीय संस्कृति आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ सुशासन पर भी बल देती है।” उन्होंने कोलकाता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को याद करते हुए कहा कि यह नगर महाकाली का है और यहाँ से स्वामी विवेकानंद ने भविष्यवाणी की थी कि 21वीं शताब्दी भारत की होगी।
मुख्यमंत्री ने समिट के दौरान प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बुनियादी ढांचे और उपलब्ध संसाधनों पर भी चर्चा की। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन ने निवेशकों के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों की जानकारी दी। डॉ. यादव ने अंत में कहा कि “मध्यप्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे और हम सब मिलकर प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित हैं।” इस समिट ने उद्योगपतियों और सरकार के बीच सीधे संवाद का महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जिससे मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने और व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में कदम उठाए गए।