तमिलनाडु सरकार के साथ हो रही बातचीत, चेन्नई प्लांट में निर्यात-उन्मुख इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन हो सकता है
आईबीएन, बिजनेस डेस्क। फोर्ड मोटर कंपनी (Ford Motor Company) तीन साल पहले भारत में अपने स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस को बंद करने के बाद, अब भारतीय कार बाजार में फिर से कदम रखने की तैयारी कर रही है। इस बार कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्माण की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फोर्ड तमिलनाडु में स्थित अपने चेन्नई प्लांट में ईवी उत्पादन की संभावनाएं तलाश रही है और राज्य सरकार के साथ बातचीत कर रही है।
तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी.आर.बी. राजा ने एक इंटरव्यू में इस बात का संकेत दिया कि राज्य में हाल ही के निवेशकों का फोकस इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण पर है, और फोर्ड के साथ चल रही चर्चाओं में भी इसी ट्रेंड की संभावना है। उन्होंने कहा कि राज्य का ईवी इकोसिस्टम अब परिपक्व हो चुका है, जो इस तरह के उत्पादन के लिए अनुकूल है।
फोर्ड ने सितंबर में तमिलनाडु सरकार को एक आशय पत्र भेजा, जिसमें निर्यात-उन्मुख उत्पादन के लिए अपने चेन्नई प्लांट का उपयोग करने की योजना का जिक्र था। यह कदम फोर्ड को भारत के तेजी से बढ़ते ईवी बाजार में प्रतिस्पर्धा में खड़ा करता है, जिसमें Tata Motors (टाटा मोटर्स) और VinFast (विनफास्ट) जैसी बड़ी कंपनियाँ पहले से निवेश कर रही हैं।
भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। इस साल की शुरुआत में, सरकार ने 500 मिलियन डॉलर से अधिक निवेश करने वाले वाहन निर्माताओं के लिए आयात शुल्क कम कर दिए थे, ताकि देश में ईवी उत्पादन को बढ़ावा मिल सके।
फोर्ड का यह संभावित विस्तार कंपनी के भारत में तेजी से बढ़ते ईवी सेगमेंट का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। तमिलनाडु राज्य इस समय देश के ईवी अभियान का प्रमुख केंद्र बना हुआ है, जिससे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निर्माताओं के लिए यह क्षेत्र एक आकर्षक विकल्प बन रहा है।