आईबीएन, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के विधायकों से चर्चा के दौरान कहा कि प्रत्येक जिले की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग होती है, जिससे विकास की आवश्यकताएं भी अलग होती हैं। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और आवश्यकताओं के अनुसार आगामी चार से पांच वर्षों के लिए विकास कार्यों की कार्य योजना तैयार कर प्रस्ताव दें। डॉ. यादव ने विधायक प्रतिनिधियों से कहा, “हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”
अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित फसलों के सर्वेक्षण के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। उन्होंने बताया कि राजस्व अधिकारियों के माध्यम से राजस्व क्षति का आंकलन किया जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर फसल, पशु और जन-धन की हानि का आंकलन कर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाएगा। डॉ. यादव ने कहा कि कलेक्टरों का दायित्व है कि वे अपने जिले की समस्याओं का समाधान करें।
दूध उत्पादन में वृद्धि की योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक बोनस दूध योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत दुग्ध-उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने निराश्रित गायों के संरक्षण के लिए गौ-शालाओं की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए इंदौर, उज्जैन, भोपाल और ग्वालियर नगर निगमों को बड़े पैमाने पर गौ-शालाओं का निर्माण करने और उनका रखरखाव करने के निर्देश दिए। डॉ. यादव ने यह विश्वास व्यक्त किया कि मध्यप्रदेश दुग्ध-उत्पादन और दूध से बने उत्पादों के व्यवसाय में देश का नम्बर वन राज्य बनेगा।
राज्य परिसीमन आयोग का गठन
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए एक अभियान चलाया गया है, जिसके तहत लंबित प्रकरणों का निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आम जनता और किसानों के अधिकांश प्रकरण राजस्व से संबंधित होते हैं। इसके कारण, उन्होंने मध्यप्रदेश परिसीमन आयोग के गठन की बात की, जो जिलों के पुनर्गठन का कार्य करेगा। इसके अलावा, लोक सेवा केन्द्र हेल्पलाइन के माध्यम से नागरिकों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने जल-जीवन मिशन के तहत हर घर में जल पहुँचाने के कार्य की निरंतरता के बारे में भी जानकारी दी। डॉ. यादव ने सभी जन-प्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्रों के विकास के लिए प्रयास करने की अपील की, ताकि मध्यप्रदेश सबसे समृद्ध और विकसित राज्य बन सके।