आईबीएन, डिजिटल डेस्क। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर पुणे में आयोजित कार्यक्रम में उनके योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि अहिल्या बाई ने 18वीं शताब्दी में प्रशासनिक कुशलता, जन-कल्याण और सुशासन के अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पुणे के जानकी देवी बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के ऑडिटोरियम में “पुण्यश्लोक अहिल्या बाई होलकर और उनके जन कल्याणकारी सुशासन” विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पुणे नगरी को प्रणाम करते हुए यहां के महान नेताओं की स्मृति को नमन किया, जिनमें शिवाजी महाराज, लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक शामिल हैं।
डॉ. यादव ने कहा कि अहिल्या बाई का कार्य पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने उल्लेख किया कि उन्होंने महेश्वर से इंदौर को राजधानी बनाने का निर्णय लिया, जिससे यह शहर व्यापार, संस्कृति और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण केन्द्र बन गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी नीतियों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आया, जिसमें कुएं, उद्यान, प्याऊ और सड़कों का निर्माण शामिल है। मुख्यमंत्री ने महेश्वर को हस्तशिल्प का प्रमुख केन्द्र बताते हुए कहा कि यह नगर आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जिससे हजारों व्यक्तियों को आर्थिक उन्नति का अवसर मिल रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिव-सृष्टि थीम पार्क का अवलोकन किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अम्बेगांव (पुणे) में एशिया के एकमात्र ऐतिहासिक थीम पार्क ‘शिव-सृष्टि’ का भी अवलोकन किया। यह पार्क छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उनके संघर्ष को जीवंत करने के लिए स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना की प्रशंसा की और बताया कि इस पार्क की अनुमानित लागत 438 करोड़ रुपये है। अब तक 70,000 से अधिक लोग इसका भ्रमण कर चुके हैं। इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, पद्मश्री सुश्री निवेदता ताई भिढे और अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों ने भी अपने विचार साझा किए।