भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र में ड्रग्स फैक्ट्री का पर्दाफाश, पुलिस करेगी सभी फैक्ट्रियों का सत्यापन
आईबीएन, भोपाल। राजधानी भोपाल के कटारा हिल्स थाना क्षेत्र के बगरोदा औद्योगिक इलाके में एक फर्नीचर फैक्ट्री की आड़ में ड्रग्स बनाने का खुलासा हुआ है। यह फैक्ट्री “एमएस वास्तुकार” के नाम से स्थापित की गई थी, लेकिन इसे किराए पर देकर मादक पदार्थों का अवैध कारोबार चलाया जा रहा था। छह महीने पहले फर्टिलाइजर बनाने के नाम पर इसे किराए पर दिया गया था, परंतु असल में यहां एमडी ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा था।
रविवार को गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर इस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई में भोपाल पुलिस को पहले से कोई जानकारी नहीं थी, और जब छापेमारी शुरू हुई तब एमपी पुलिस को इसकी सूचना मिली। हालांकि, गुजरात सरकार ने मध्य प्रदेश पुलिस की सराहना की है, बावजूद इसके कि स्थानीय पुलिस का इस ऑपरेशन में कोई सक्रिय सहयोग नहीं था।
अब सभी फैक्ट्रियों का होगा सत्यापन
घटना के बाद भोपाल पुलिस और उद्योग विभाग अब सभी औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों का सत्यापन करने की योजना बना रहे हैं। यह जांच की जाएगी कि जिस उद्देश्य से प्लॉट दिए गए हैं, उस उद्देश्य के तहत ही गतिविधियां संचालित हो रही हैं या नहीं।
इस मामले में मध्यप्रदेश औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एमपीएकेवीएन) पर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि छह महीनों से फैक्ट्री में मादक पदार्थ बनाए जा रहे थे, लेकिन निगरानी में कोई कमी नहीं देखी गई। ‘एमएस वास्तुकार’ फैक्ट्री 2018 में फर्नीचर निर्माण के लिए शुरू की गई थी और इसके प्रोपराइटर जयदीप सिंह हैं, जो दावा करते हैं कि उन्होंने यह फैक्ट्री तीन साल पहले एसके सिंह नामक व्यक्ति को बेच दी थी। हालांकि, एमपीएकेवीएन के रिकॉर्ड में फैक्ट्री अभी भी जयदीप सिंह के नाम पर है, जिससे लीज शर्तों के उल्लंघन का मामला भी सामने आ रहा है।
लीज शर्तों का उल्लंघन
फैक्ट्री के लीज एग्रीमेंट के तहत औद्योगिक प्लॉट को किराए पर देना नियमों के खिलाफ है। इस स्थिति में, जयदीप सिंह द्वारा फैक्ट्री को किसी और को किराए पर दिए जाने का दावा भी शक के घेरे में है। एमपीएकेवीएन ने स्पष्ट किया है कि यदि जयदीप सिंह ने फैक्ट्री का उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए किया है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।