आईबीएन, भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित बागरोदा फैक्ट्री से हाल ही में 1814 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स की बरामदगी ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। नारकोटिक्स विभाग की इस बड़ी कार्रवाई के बाद लगातार नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जिससे राज्य में नशे के कारोबार की जटिलता और फैलाव का पता चलता है। अब तक की जांच में यह जानकारी मिली है कि भोपाल से करीब 400 किलो ड्रग्स बेची जा चुकी थी। इस ड्रग्स को राजस्थान के तस्कर शोएब लाला तक भेजा गया, जो इसे अन्य राज्यों में भी फैला देता था।
भोपाल से तस्करों का नेटवर्क बहुत ही संगठित तरीके से काम कर रहा था। ड्रग्स की डिलीवरी के लिए हरीश लाला हूटर लगी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था और माल को मंदसौर के प्रेम सुख पाटीदार को सौंप देता था। प्रेम सुख पाटीदार इस पूरे तस्करी के जाल का मुख्य सूत्रधार था, जो आगे विभिन्न तस्करों को ड्रग्स की सप्लाई सुनिश्चित करता था। हालांकि, इस फैक्ट्री का प्लाट बेचने वाला जयदीप सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जो जांच के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है।
मध्य प्रदेश में नशे का बढ़ता कारोबार
नशे के कारोबार के विस्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 21 महीनों में राज्य में 7886 नशे के कारोबार से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस और नारकोटिक्स विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ये गिरफ्तारियां 1 जनवरी 2023 से लेकर अब तक की गई हैं। इस दौरान मंदसौर, रतलाम और नीमच जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्रवाई की गई है, जो तस्करी के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं।कुछ छोटे-मोटे सप्लायरों को पकड़ने के बाद भी असल बड़े तस्कर अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। विधायक और मंत्री भी कई बार नशे के कारोबार पर राज्य शासन का ध्यान आकर्षित कर चुके हैं, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़े जाने के बाद पुलिस की छवि पर गहरा आघात लगा है। पुलिस ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा है कि उन्होंने तस्करी के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की है और मंदसौर तथा आसपास के क्षेत्रों में ज्यादातर गिरफ्तारियां की हैं।
राज्य के विभिन्न जिलों में नशीले पदार्थों का यह कारोबार तेजी से फैल रहा है, और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। नारकोटिक्स विभाग और पुलिस को मिलकर तस्करी के इस जाल को तोड़ना होगा, ताकि प्रदेश के युवाओं को नशे के इस दलदल से बाहर निकाला जा सके।