गणेश पाण्डेय, भोपाल। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर देवी अहिल्याबाई सेंचुरी के गठन की पहल का स्वागत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को न केवल देवी अहिल्याबाई होलकर के सच्चे अनुयायी बताया, बल्कि वन्य प्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी संवेदनशीलता की सराहना की। गुड्डू ने कहा कि proposed लोकमाता अहिल्याबाई सेंचुरी से इंदौर, खरगोन और बड़वानी जिलों में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और क्षेत्र में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
पूर्व सांसद ने अपने पत्र में बताया कि इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और क्षेत्रीय विधायकों की सहमति इस बात की ओर स्पष्ट संकेत करती है कि मालवा अंचल का हर जनप्रतिनिधि सेंचुरी गठन के पक्ष में है। उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान विशेष रूप से उस प्रस्तावित अभयारण्य की ओर आकृष्ट किया है जो बीते वर्षों से शासन स्तर पर लंबित है।
गुड्डू ने अभयारण्य के तात्कालिक गठन का रखा आग्रह
गुड्डू ने बताया कि प्रस्तावित अहिल्याबाई होलकर अभयारण्य का क्षेत्रफल लगभग 3278.821 हेक्टेयर है, जो पूरी तरह से आरक्षित वन भूमि है। यहां कोई राजस्व ग्राम या पट्टे की ज़मीन नहीं है, जिससे इस क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करना प्रशासनिक दृष्टि से सरल है। इसके अलावा, आसपास के गांवों की आवश्यकताओं, सड़क चौड़ीकरण और अन्य विकास कार्यों के लिए समुचित भूमि का प्रावधान भी पहले से मौजूद है, जिससे आम नागरिकों के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं होगा।
राज्य के जीडीपी में होगा योगदान
गुड्डू ने कहा कि अभयारण्य के गठन से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होगा और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि इसके प्रबंधन हेतु किसी नए ढांचे या खर्च की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि इसे मौजूदा वन विभाग के अमले से ही संचालित किया जा सकता है। पूर्व सांसद ने अंत में मुख्यमंत्री डॉ. यादव से अनुरोध किया कि वे इस प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करें और मालवा की ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लें।