Images (17)

मुख्यमंत्री से वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने की कार्रवाई की मांग

गणेश पाण्डेय, भोपाल। मध्यप्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व, सीधी में पदस्थ एक स्थायी वन कर्मचारी रामसजीवन कुशवाहा की आत्महत्या ने प्रदेश के वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक के परिजनों और वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट्स का आरोप है कि आत्महत्या के लिए टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक राजेश कन्नी की प्रताड़ना जिम्मेदार है। इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर कड़े कदम उठाने की मांग की गई है।

परिवार का आरोप – मानसिक यातना ने किया मजबूर
मृतक की पत्नी सुमित्रा कुशवाहा ने मीडिया को बताया कि रामसजीवन पहले मझौली में पदस्थ थे, लेकिन बाद में सीधी अटैच कर दिया गया। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और इलाज के लिए छुट्टी की बार-बार गुहार लगाई, लेकिन न तो छुट्टी मिली और न ही उनके स्वास्थ्य की अनदेखी की गई। उल्टे उन्हें अनुपस्थित रहने के कारण कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया। पत्नी का कहना है कि बीमारी और अधिकारियों के दबाव ने उनके पति को तोड़ दिया।

वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट की चेतावनी
पर्यावरण और वन्यप्राणी संरक्षण के लिए सक्रिय अजय दुबे ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि स्थायी कर्मचारी टाइगर रिजर्व की सुरक्षा की रीढ़ हैं और उनके साथ अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने तीन प्रमुख मांगें रखीं हैं:

  1. आत्महत्या नोट की तत्काल जब्ती और जांच।
  2. उपनिदेशक सहित जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
  3. दोषियों को तत्काल पद से हटाया जाए और जवाबदेही तय की जाए।

वन विभाग पर फिर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब प्रदेश के वन विभाग में कर्मचारियों के उत्पीड़न की शिकायतें सामने आई हैं। लेकिन एक स्थायी कर्मचारी की आत्महत्या ने इस बार विभाग की कार्यप्रणाली और अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

प्रशासन की चुप्पी
फिलहाल, जिला प्रशासन या वन विभाग की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन वनकर्मी संघ और सामाजिक संगठनों में रोष है और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठ रही है।