आईबीएन, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सोमवार को देश के 12 राज्यों में दूसरे चरण के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा कर दी है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूचियों को सटीक, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है, ताकि कोई भी पात्र नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रह जाए और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो।
चुनाव आयोग के अनुसार, दूसरे चरण में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन राज्यों में पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नई मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
राज्यों के सीईओ के साथ बैठकें पूरी
चुनाव आयोग ने एसआईआर लागू करने की रूपरेखा तय करने के लिए सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ दो चरणों में बैठकें की हैं। कई राज्यों ने अपनी पिछली एसआईआर के बाद अद्यतन मतदाता सूचियां अपनी वेबसाइटों पर भी सार्वजनिक कर दी हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि आज रात 12 बजे से इन 12 राज्यों की मौजूदा मतदाता सूचियां ‘फ्रीज’ कर दी जाएंगी।
फ्रीज के बाद प्रत्येक मतदाता को बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) की ओर से एक विशेष गणना प्रपत्र दिया जाएगा, जिसमें वर्तमान सूची के सभी आवश्यक विवरण होंगे। मतदाता अपने प्रपत्रों का मिलान 2003 की मतदाता सूची से कर सकेंगे। यदि किसी मतदाता का या उसके माता-पिता का नाम उस सूची में दर्ज है, तो उन्हें नए दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
एसआईआर क्यों जरूरी है
संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत भारत के हर नागरिक को मतदान का अधिकार है, बशर्ते वह 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का हो, संबंधित निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी हो और किसी भी कानून के तहत अयोग्य न हो।
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदाता सूचियों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समय-समय पर उनका पुनरीक्षण जरूरी है। राजनीतिक दल भी लंबे समय से इस पर जोर देते आए हैं कि सूचियों में दोहराव और गलत नामों को हटाया जाए।
1951 से लेकर अब तक आठ बार एसआईआर किया जा चुका है। वर्तमान एसआईआर आजादी के बाद नौवां है। इससे पहले वर्ष 2002 से 2004 के बीच देशव्यापी एसआईआर किया गया था।
‘कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं’
मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “एसआईआर का पहला चरण बिहार में बिना किसी आपत्ति के सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।” उन्होंने बताया कि दूसरा चरण अब शेष 12 राज्यों में लागू किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि “कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अपात्र मतदाता सूची में शामिल न हो।”
आयोग ने यह भी बताया कि 2002 से 2004 तक की एसआईआर से संबंधित मतदाता सूचियां आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जिन्हें कोई भी नागरिक स्वयं देखकर सत्यापन कर सकता है।
यह देश के चुनावी इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान प्रक्रिया और भी अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनेगी।
