आईबीएन, भोपाल। मप्र को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) द्वारा संचालित प्रदेश का प्रमुख दुग्ध ब्रांड ‘सांची’ जल्द ही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के अधीन आ सकता है। एनडीडीबी ने पिछले एक महीने में प्रदेश के सभी छह सांची दुग्ध संघों का निरीक्षण किया है और वहां पाई गई अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए एक विस्तृत बिजनेस प्लान तैयार कर रहा है। इस योजना को अगस्त के अंत में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद संभवतः 15 सितंबर तक सांची ब्रांड के संचालन के सभी अधिकार एनडीडीबी को सौंपे जा सकते हैं। इससे पहले, एमपीसीडीएफ, एनडीडीबी, और प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत सांची ब्रांड के विस्तार और बेहतर संचालन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
एनडीडीबी के साथ हुए सात बिंदुओं के करार के तहत सांची की सहकारी समितियों को सुदृढ़ करना, प्लांटों में अपग्रेडेशन, दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता सुधारना, विपणन प्रणाली को मजबूत करना, और ब्रांड बिल्डिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। एमपीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक सतीश कुमार एस ने बताया कि सांची एक सहकारी समिति है और इस पर प्रदेश के पशुपालकों और किसानों का मालिकाना हक है। एनडीडीबी का उद्देश्य है कि उन्हें एक बेहतर बिजनेस प्लान के साथ मुनाफा पहुंचाया जाए।
एनडीडीबी की महारत
एनडीडीबी डूबते हुए डेयरी और दुग्ध संघों को फिर से खड़ा करने में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। इससे पहले एनडीडीबी ने राजस्थान, जलगांव, झारखंड, असम, वाराणसी, और विदर्भ समेत कई दुग्ध संघों को घाटे से उबारकर मुनाफे में लाया है।