मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय कल्याण के लिए की ऐतिहासिक घोषणाएं
आईबीएन, खंडवा। जिले के खालवा में आयोजित जनजातीय छात्र प्रोत्साहन एवं सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय वर्ग के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने इस अवसर पर जनजातीय वर्ग के छात्रों को शैक्षणिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने जनजातीय वर्ग के हितों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अनेक ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं, जिनसे इस वर्ग के लोगों को व्यापक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने देश में जनजातीय वर्ग के सर्वोच्च पद पर द्रौपदी मुर्मु के चयन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह चयन जनजातीय समाज के सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। मध्यप्रदेश सरकार भी जनजातीय वर्ग के लिए निरंतर कार्य कर रही है और इसी क्रम में इस वर्ष उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी में जनजातीय वर्ग के लोक कलाकारों को आमंत्रित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन में केंद्रीय जनजातीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके ने भी भाग लिया और प्रथम पूजा में शामिल हुए। यह अवसर पूर्व में सिर्फ मुख्यमंत्री या अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को मिलता था, लेकिन इस बार इसे जनजातीय कलाकारों के लिए खोला गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय समाज के लोगों, खासकर छात्रों, को शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का उद्देश्य जनजातीय वर्ग के हर सदस्य को अवसर प्रदान करना है ताकि वे समाज में सशक्त रूप से उभर सकें। इस दिशा में प्रदेश के अनुसूचित जाति और जनजातीय वर्ग के छात्रों के लिए “आकांक्षा योजना” के तहत राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं जैसे जेईई, नीट, एम्स और क्लेट के लिए नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। इस योजना का क्रियान्वयन भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन संभागों में प्रारंभ किया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 5 प्रमुख नगरों—भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर—में विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी। समारोह में प्रतीक रूप से विदेश में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत पांच विद्यार्थियों को 2-2 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना से जनजातीय वर्ग के छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें और समाज में नई ऊंचाइयों को छू सकें।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक जनजातीय बहुल जिले में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि जनजातीय समाज की प्रतिभाओं को समाज के सामने लाने का मौका मिले। उन्होंने कहा, “समृद्ध परिवारों के बच्चे तो विदेशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं, लेकिन अब गरीब जनजातीय परिवारों के बच्चे भी विदेशों में अध्ययन कर रहे हैं। आज उन बच्चों के माता-पिता की आँखों में जो खुशी देखी, वह अद्भुत है। यह असली आनंद का क्षण है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य जनजातीय समाज के बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचाना है और इसके लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस समारोह में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके और प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित थे। समारोह में खण्डवा जिले के हरसूद और खालवा क्षेत्र की बालिकाओं के लिए शासकीय महाविद्यालय हरसूद तक नि:शुल्क बस सेवा का भी उद्घाटन किया गया, ताकि बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा हो सके। इसके साथ ही, शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए विदेश में अध्ययन के लिए चयनित 70 विद्यार्थियों में से 5 विद्यार्थियों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनजातीय वर्ग के प्रतिभाशाली छात्र आशाराम पालवी को लंदन में पढ़ाई के लिए 35 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की, जिसमें उनकी यूनिवर्सिटी की फीस और अन्य खर्च शामिल थे। साथ ही, उनके माता-पिता का भी मंच पर अभिनंदन किया गया।
मुख्यमंत्री ने जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए कई अन्य घोषणाएं भी कीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 89 विकास खंडों में 100 सीटर आवासीय छात्रावास स्थापित किए जाएंगे, ताकि जनजातीय छात्रों को आवासीय सुविधा मिल सके और वे अपनी शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें। इसके अलावा, इन छात्रावासों में आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जैसे कि मेस में रोटी बनाने के लिए आधुनिक रोटी मेकर मशीनें लगाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने हरसूद क्षेत्र में एक बालिका खेल परिसर की स्थापना का भी ऐलान किया, जिसमें एक अत्याधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। इसके साथ ही, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को उद्योगों की स्थापना में रियायतें दी जाएंगी, ताकि वे स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में देश और राज्य का विकास हो रहा है और प्रदेश सरकार जनजातीय वर्ग के हर नागरिक के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहती है। सरकार का उद्देश्य जनजातीय वर्ग के बच्चों को हर संभव प्रोत्साहन देना है, ताकि वे भविष्य में डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बन सकें।