आईबीएन, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में खाद-बीज की कालाबाजारी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि कालाबाजारी में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। डॉ. यादव ने यह बातें मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में खाद-बीज की उपलब्धता और वितरण की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले रबी सीजन के दौरान किसानों को खाद-बीज की कमी का सामना न करना पड़े, इसके लिए अभी से उचित भंडारण और आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
खाद-बीज की आपूर्ति पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ब्लॉक स्तर पर कृषि विकास अधिकारियों को 15 अक्टूबर तक प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि किसानों को सही मार्गदर्शन मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फसलों के बोने के क्षेत्र चिन्हित कर, आवश्यकतानुसार खाद-बीज की व्यवस्था पहले से ही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अक्टूबर-नवंबर के दौरान खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
डीएपी का आवंटन बढ़ाने पर मुख्यमंत्री के प्रयास सफल
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से भारत सरकार ने डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) का आवंटन 6 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 8 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। इसके अलावा, डीएपी की कमी के विकल्प के रूप में एनपीके का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश जिलों को जारी किए गए हैं। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया और एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) उपलब्ध कराई गई है।
कृषि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खाद-बीज की उपलब्धता के संबंध में जनप्रतिनिधियों और जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की जाएगी ताकि किसानों को बेहतर सुविधा और मदद मिल सके।