सतना में सीएम मोहन ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खेलों में मध्यप्रदेश की उपलब्धियों का किया उल्लेख, खेल के विकास के लिए की वित्तीय घोषणाएं

  • खेल से व्यक्तित्व में अनुशासन और आत्मविश्वास का विकास होता है।
  • मध्यप्रदेश ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में देश में चौथा स्थान प्राप्त किया।
  • प्रदेश में 18 खेलों के लिए 11 राज्य अकादमियों का संचालन।
  • सतना में स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए 15 करोड़ और सिंथेटिक ट्रैक निर्माण के लिए 7 करोड़ रुपए स्वीकृत।

आईबीएन, सतना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सतना में आयोजित 35वें अखिल भारतीय खेलकूद (एथलेटिक्स) समारोह के समापन अवसर पर प्रदेश की खेल उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि खेल से अनुशासन, आत्म-विश्वास, बौद्धिक क्षमता, निडरता और एकाग्रता में वृद्धि होती है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मध्यप्रदेश ने चौथा स्थान प्राप्त कर खेल जगत में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में शूटिंग जैसे खेल में 15 मेडल प्राप्त हुए हैं और ओलंपिक में प्रदेश के खिलाड़ियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सतना में स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए 15 करोड़ और सिंथेटिक ट्रैक निर्माण के लिए 7 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने बाउंड्री वॉल और अन्य निर्माण कार्यों को लेकर जिला प्रशासन को निर्देश भी दिए।

खिलाड़ियों को मिली प्रोत्साहन राशि और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन

मुख्यमंत्री ने समारोह के दौरान विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित किए और प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिनमें भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने खेल के साथ-साथ अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्रों में भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रोत्साहन का जिक्र किया।

मुख्यमंत्री ने बताया भारतीय परंपरा और खेलों का महत्व

मुख्यमंत्री यादव ने भारतीय संस्कृति में खेलों की समृद्ध परंपरा का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत में घुड़सवारी, तीरंदाजी, तलवारबाजी, और कुश्ती जैसे परंपरागत खेलों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने महान वीरांगनाओं जैसे रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई, और रानी अहिल्याबाई के शौर्य और योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि इन महान स्त्रियों ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रसार में भी योगदान दिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दशहरा, दीपावली, और गोवर्धन पूजा को धूमधाम से मनाने की योजना है। भारतीय संस्कृति में शस्त्र और शास्त्र दोनों का महत्व है और इसी भाव से दशहरे पर शस्त्र पूजन भी किया गया।