मुंबई । शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मानने के निर्वाचन आयोग के फैसले को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया। उद्धव ने कहा कि वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। निर्वाचन आयोग के फैसले के कुछ घंटों बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठाकरे ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह केंद्र सरकार का गुलाम बन गया है। उन्होंने कहा कि यह कल हमारे मशाल के चिह्न को भी छीन सकता है। उद्धव ने अपने समर्थकों से हार न मानने और जीतने के लिए लड़ाई लड़ने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि पार्टी और जनता उनके साथ है। उन्होंने कहा कि चोरों को कुछ दिनों के लिए खुश होने दीजिए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश में लोकतंत्र जिंदा रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट आखिरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर यह उम्मीद खत्म हो गई तो हमें हमेशा के लिए चुनाव कराना बंद कर देना चाहिए और एक व्यक्ति का शासन कायम कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घोषणा करनी चाहिए कि आजादी के 75 साल बाद देश अब लोकतंत्र नहीं, बल्कि निरंकुशता की ओर बढ़ रहा है। ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी विधायकों का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग सोचते हैं कि उन्हें अपनी चोरी के लिए मान्यता मिल गई है, वे हमेशा चोर बने रहेंगे। उन्होंने शिंदे पर पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की फोटो, पार्टी और चुनाव चिह्न चुराने का भी आरोप लगाया और कहा कि वह इस चोरी को लंबे समय तक पचा नहीं पाएंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी और लोग मेरे साथ हैं। निर्वाचन आयोग ने जो कुछ भी मांगा, हमने उसका पालन किया और सदस्यता के बारे में सभी कागजात जमा किए, उसके बाद भी निर्वाचन आयोग ने हमारे खिलाफ फैसला सुनाया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले से संकेत मिलता है कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव जल्द ही घोषित किए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग का फैसला एक साजिश है, क्योंकि हाल में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि शिवसेना का चिह्न शिंदे गुट को दिया जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिंदे समूह ने भले ही कागज पर तीर-कमान का चिह्न चुरा लिया हो, लेकिन असली धनुष और तीर जिसकी बालासाहेब ठाकरे पूजा करते थे, वह मेरे पास है। उन्होंने उस स्थिति का वर्णन किया, जो 19 जून 1966 को हुई थी, जब शिवसेना का गठन हुआ था। उन्होंने कहा कि शिवसेना फिर से खड़ी होगी और खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और लोग चोरों को सबक सिखाएंगे।

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