आगरा : दिल्ली आगरा समेत कई जगह तबाही मचाने के बाद अब यमुना का जलस्तर धीरे धीरे कम हो रहा है. इस साल यमुना के जलस्तर ने कई रिकार्ड भी ध्वस्त किए. 1978 के बाद से अब यमुना का इतना विकराल रूप देखने को मिला. हालांकि, 2010 में भी आगरा शहर में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया था. लेकिन हालात उस समय इतने खराब नहीं हुए थे. लेकिन 45 साल के बाद यमुना के जलस्तर में इतनी बढ़ोतरी देखने को मिली. इतना ही नहीं निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी भर गया. कई बीघा फसल जलमग्न हो गई थी. लेकिन अब यमुना का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है. आगरा में यमुना का जलस्तर 499 फीट तक पहुंच गया था, लेकिन अब यह 497 से 496 पर आ गया है.

यमुना का जलस्तर तो तेजी से कम हो रहा है. लेकिन अपने साथ बहाकर लाई गंदगी अब लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. आगरा में कई जगह बाढ़ का पानी घुस गया था. पानी कम हो रहा है, लेकिन अपने पीछे कचरा और सिल्ट छोड़ता जा रहा है. आगरा दयालबाग पोहिया घाट पर 3 से 4 फुट तक यमुना का जलस्तर पहुंच गया था. हालांकि, अब यहां पानी कम हो रहा है, लेकिन अपने पीछे ढेर सारी सिल्ट छोड़ कर जा रही है, जिससे अब बीमारियां पनपेगी.

यमुना में आई बाढ़ के बाद अब जलस्तर तो कम हो रहा है. लेकिन प्रशासन के लिए अब दोहरी चुनौती है. बाढ़ के बाद व्यवस्थाओं को ठीक करने के साथ-साथ प्रशासन को संचारी रोगों से भी निपटना होगा. बाढ़ की फैली गंदगी से तेजी से संचारी रोग फैलेंगे. ऐसे में लोग बीमार भी पड़ सकते हैं. अब प्रशासन को जल्द जिन जगहों पर बाढ़ का पानी पंहुचा था. वहां जल्द साफई करानी होगी. हालांकि, आगरा नगर निगम तेजी के साथ काम कर रहा है तो वहीं, स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट है.

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