आईबीएन, भोपाल। 25 जुलाई 2023 से लाडली बहना योजना में नए नियम लागू हो चुके है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसे संशोधित किया था, लेकिन इसमें 23 से 60 वर्ष की महिलाओं और बहनों को नहीं शामिल किया गया था। राज्य की लाडली बहनें इस कानून के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से गुहार लगा रही हैं।

बता दें कि लाडली बहना योजना के दूसरे चरण अब तक बहुत ही कम संख्या में आवेदन मिले हैं। जिसका मुख्य कारण सर्वर की कमी है और 23 से 60 वर्ष की महिलाओं के लिए ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता है। दरअसल योजना के नियमों के तहत 23 से 60 वर्ष की जिन महिलाओं के पास ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन नहीं है उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज्य की महिलाएं सीएम शिवराज सिंह से पूछ रही हैं कि अगर घर में 8 लाख का ट्रैक्टर होता तो हर महीने 1000 रुपये क्यों लेते..?

गौरतलब है कि 25 जुलाई से, बहनें लाडली बहना योजना के नवीनतम आवेदनों के लिए ग्राम पंचायतों और वार्ड कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं। महिलाएं आवेदन के दौरान हैरान हो जाती हैं कि घर में ट्रैक्टर है जब अधिकारियों ने ट्रैक्टर के बारे में पूछा, तो महिलाओं ने मना कर दिया और उनका फॉर्म नहीं भर दिया। अब महिलाएं सरकार को 1 हजार रुपये प्रति माह कमाने के लिए 8 लाख का ट्रैक्टर खरीदने का दोष दे रही हैं, चाहे वह योजना है या मजाक।

लाडली बहना योजना में शामिल होने ये है नियम

लाडली बहना योजना के दूसरे चरण में 21 से 23 वर्ष की बहनें और महिलाएं शामिल हैं। 1 जनवरी 2023 को 21 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। महिला या बहन भी शादीशुदा होनी चाहिए। अविवाहित महिला पात्र नहीं होगी। नवीन आवेदनों में 23 से 60 वर्ष की महिलाओं की विशेष योग्यता है। वास्तव में, नवीनतम आवेदनों में सिर्फ 23 से 60 वर्ष की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं जिनके परिवार में ट्रैक्टर है। क्योंकि 23 से 60 वर्ष की महिलाओं के लिए ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन नंबर आवश्यक है और RTO द्वारा बाद में वेरिफाई किया जाएगा।

पात्रताओं को पूरा करने के बाद, आवेदक की वार्षिक आय 2.5 लाख से अधिक होनी चाहिए। स्वघोषित वार्षिक आय से अधिक होने पर भी आवेदक पात्र नहीं माना जाएगा। साथ ही, आवेदक किसी सरकारी योजना से पेंशन पाता है या स्थानीय निकाय, शासकीय विभाग, उपक्रम या संविदाकर्मी है। आपको बता दे कि वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक, प्रदेश सरकार के मनोनित बोर्ड का अध्यक्ष या सदस्य आदि होने पर भी पात्र नहीं माना जाएगा। पाँच एकड़ से अधिक कृषि भूमि भी नहीं होनी चाहिए और सिर्फ रजिस्ट्रेशन नंबर वाले ट्रैक्टरों को छूट मिलती है।

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