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दो वर्षों से लंबित डीपीसी प्रक्रिया को मिली हरी झंडी, राज्य वन सेवा से आईएफएस में चयनित होंगे अधिकारी

गणेश पाण्डेय, भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्य वन सेवा (रावसे) के अधिकारियों के लिए इस बार दिवाली से पहले खुशखबरी आने वाली है। पिछले दो वर्षों से लंबित विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक आखिरकार 9 अक्टूबर को आयोजित की जा रही है। इस बैठक में वर्ष 2011, 2012 और 2014 बैच के कुल 25 अधिकारियों के नामों पर विचार किया जाएगा, जिन्हें भारतीय वन सेवा (IFS) में पदोन्नति के लिए चयनित किया जाना है।

दो साल से अटकी प्रक्रिया को मिली मंजूरी

राज्य वन सेवा के अधिकारियों की डीपीसी पिछले दो वर्षों से नहीं हो पाई थी, जिससे कई अधिकारियों का प्रमोशन लटक गया था। अब दीपावली से पूर्व यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। 9 अक्टूबर को होने वाली डीपीसी में वर्ष 2023 के लिए 13 अधिकारियों और वर्ष 2024 के लिए 12 अधिकारियों का चयन किया जाएगा। चयन सूची को अंतिम रूप मिलने के बाद योग्य अधिकारियों को आईएफएस में प्रमोशन देकर केंद्र सरकार को पैनल भेजा जाएगा।

बैठक में इन नामों पर होगा मंथन

इस महत्वपूर्ण बैठक में जिन अधिकारियों के नामों पर विचार होगा, उनमें प्रमुख रूप से रामकुमार अवधिया (2009 बैच) का नाम भी शामिल है, जो वर्तमान में खंडवा में वन विकास निगम के डिवीजन प्रबंधक के पद पर पदस्थ हैं। उनके विरुद्ध विभागीय जांच (DE) जारी है।
इसके अतिरिक्त विद्या भूषण मिश्रा, राजवेन्द्र मिश्रा, माधव सिंह मौर्य, ज्योति मुड़िया, संतोष कुमार रनछोरे, भानु प्रकाश बधवा, रामकिशन सोलंकी, रेशम सिंह धुर्वे, मोहन कटारा, अनुभा त्रिवेदी, जया पांडे, मनीषा पुरवार, मुकेश पटेल, धीरेंद्र प्रताप सिंह, प्रमोद सिंह, लाल सुधाकर सिंह, शौकी राही, बृजेंद्र कुमार खोब्रागड़े, भारत सोलंकी, एल्विन बर्मन, अंतर सिंह ओहरिया, अविनाश जोशी, हमीदुल्लाह खान, संजय पाठक, संदेश महेश्वरी, जितेंद्र कुमार गुप्ता, संतोष कुमार शुक्ला और राजेश शर्मा के नामों पर भी विचार होगा।

आईएफएस पदोन्नति से खुलेंगे नए अवसर

वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि डीपीसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य वन सेवा के अधिकारियों के लिए उच्च प्रशासनिक पदों पर कार्य करने के अवसर खुलेंगे। साथ ही, राज्य में वन प्रबंधन और संरक्षण कार्यों में नई गति आने की उम्मीद है।

9 अक्टूबर को अहम बैठक

बैठक में चयनित नामों की मंजूरी के बाद इसे केंद्र को भेजा जाएगा। सामान्यत: डीपीसी में चयनित नामों को केंद्र सरकार से अंतिम हरी झंडी मिलने के बाद औपचारिक आदेश जारी किए जाते हैं। इस प्रक्रिया के समय पर पूरी होने से प्रमोशन पाने वाले अधिकारियों को दिवाली से पहले बड़ा उपहार मिल सकता है।