anil ambani

नई दिल्ली, एजेंसी। भारी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल की बिक्री का रास्ता साफ हो गया है। आरबीआई ने रिलायंस कैपिटल के लिए हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड के रिजॉल्यूशन प्लान को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने हिंदुजा गु्रप के पांच प्रतिनिधियों को रिलायंस कैपिटल के बोर्ड में बतौर डायरेक्टर शामिल करने की योजना पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके साथ ही कभी अनिल अंबानी के लिए दुधारू गाय रही इस कंपनी के बिकने का रास्ता भी साफ हो गया है। हिंदुजा ग्रुप ने अप्रैल में दूसरे दौर की नीलामी में रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। हिंदूजा के ऑफर और रिलायंस के कैश बेलेंस को देखते हुए करीब 10,000 करोड़ रुपये की रिकवरी होने की उम्मीद है। यानी कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों को भारी चपत लगना तय है। इनमें एलआईसी और ईपीएफओ भी शामिल हैं।

RBI clears resolution plan for debt-ridden Reliance Capital - The Economic  Times

अनिल की है 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां

नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी होने के साथ-साथ रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनस के लिए होल्डिंग कंपनी भी थी। रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। आरबीआई ने रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी। केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को इसका एडमिनिस्ट्रेटर बनाया था। पहले राउंड में टॉरेंट इनवेस्टमेंट्स ने रिलायंस कैपिटल के लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। दूसरे दौर में हिंदुजा ग्रुप ने सबसे बड़ी बोली लगाई थी। लेकिन टॉरेंट ने इसे चुनौती दी थी।

एनसीएलटी ने रिजॉल्शन प्लान को मंजूरी नहीं दी

अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस कारण एनसीएलटी ने आईआईएचएल के रिजॉल्शन प्लान को मंजूरी नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई होनी है। लेकिन रिलायंस कैपिटल को कर्ज देने वाले बैंकों को भारी चपत लगना तय है। उन्हें अपने कर्ज का केवल 43 फीसदी ही मिल सकता है। हिंदूजा ग्रुप ने कंपनी के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। साथ ही कंपनी के पास करीब 400 करोड़ रुपये का कैश बैलेंस है। हिंदूजा के ऑफर और कंपनी के कैश बेलेंस को देखते हुए केवल 10,050 करोड़ रुपये की रिकवरी होने की उम्मीद है। सितंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने शेयरहोल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है। एडमिनिस्ट्रेटर ने फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के 23,666 करोड़ के दावों को वेरिफाई किया है।

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