वायरस

नई दिल्ली, एजेंसी। पिछले कुछ वर्षों से दुनियाभर में कोरोनावायरस के कारण होने वाली बीमारी का खतरा देखा जा रहा है। चार साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी यह कब तक जारी रहेगा, कोरोना का वैश्विक खतरा कब खत्म होगा, इस बारे में विशेषज्ञों को स्पष्ट जानकारी नहीं है। वैश्विक स्तर पर जारी इस संक्रामक रोग के खतरों के बीच वैज्ञानिकों की टीम ने कुछ और प्रकार का संक्रमण को लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने 13 नए प्रकार के पेपिलोमा वायरस का पता लगाया है। विशेषज्ञों ने कहा इनमें से कुछ इंसानों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ाने वाले हो सकते हैं। पेपिलोमावायरस को एचपीवी के रूप में भी जाना जाता है। इससे मनुष्यों और जानवरों सहित विभिन्न प्रकार की प्रजातियों में संक्रमण फैलने का जोखिम रहता है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अंटार्कटिका में खोज के दौरान इन नए वायरस के बारे में पता लगाया है।

नए वायरस से कैंसर के खतरे की भी आशंका…

वायरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध की रिपोर्ट के अनुसार पहचाने गए वायरस में से नौ में एचपीवी16 और एचपीवी18 जैसे संभावित रूप से कैंसर कारक जीन्स की पहचान की गई है। स्वास्थ्य विशेषतज्ञों ने बताया, पेपिलोमावायरस के कारण जननांगों पर सबसे ज्यादा असर देखा जाता है। कुछ प्रकार के पेपिलोमावायरस को उच्च जोखिमों वाला पाया गया है जिसके कारण सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। एचपीवी वायरस जिनसे जननांगों में संक्रमण का खतरा रहता है, वो मुख्य रूप से यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के कारण फैलते हैं।

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