आईबीएन, डेस्क, भोपाल। केंद्रीय विद्यालय (केवी) ने बच्चों की ट्रांसफर पॉलिसी में भी बदलाव किया है। प्राइवेट सेक्टर की नौकरी कर रहे पेरेंट्स का राज्य के बाहर ट्रांसफर होने पर बच्चों को दूसरे राज्य के स्कूल में ट्रांसफर नहीं मिलेगा। केंद्रीय विद्यालयों में हर साल बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं। ऐसे में सीटें घटने से छात्रों और पेरेंट्स दोनों को मुश्किल होगी। हर क्लास में 8-8 सीटें कम कर दी हैं। केवी की ओर से जारी एडमिशन नोटिफिकेशन में 32 सीटों के लिए ही आवेदन मांगे गए हैं। अभी तक प्राइमरी से हायर सेकेंडरी तक हर क्लास में 40-40 सीटें होती थीं। जानकारों का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय में अधिक संख्या में छात्र होने से उन पर पूरी तरह ध्यान दे पाना संभव नहीं होता है और उनकी क्षमता घट जाती है। इसलिए सीटों में कटौती संबंधी यह निर्णय लिया गया है। हालांकि छात्रों और परिजनों में इसे लेकर निराशा है।
रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल तक…
केंद्रीय विद्यालय में क्लास 1 मे एडमिशन का लिंक 1 अप्रैल से लाइव है। एडमिशन के लिए 15 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। सिलेक्टेड स्टूडेंट्स की पहली लिस्ट 19 अप्रैल को जारी होगी। इसके बाद 29 अप्रैल और 8 मई को दूसरी और तीसरी लिस्ट जारी की जाएगी। बाकी कक्षाओं के लिए 10 अप्रैल तक आवेदन प्रक्रिया चलेगी। इन कक्षाओं की लिस्ट 15 अप्रैल को जारी की जाएगी। इस आधार पर 16 से 29 अप्रैल तक एडमिशन होंगे। एडमिशन की लास्ट डेट 29 जून है। ऑनलाइन आवेदन ऑफिशियल वेबसाइट से किए जा सकते हैं।
11वीं में एडमिशन बोर्ड रिजल्ट के बाद…
केंद्रीय विद्यालय कक्षा 11 में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 10वीं बोर्ड रिजल्ट घोषित होने के 10 दिन बाद शुरू होगा। स्टूडेंट्स केंद्रीय विद्यालय संगठन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन चेक कर सकते हैं।
ट्रांसफर पॉलिसी का लाभ केवल सरकारी नौकरी वालों को…
केंद्रीय विद्यालय में सरकारी नौकरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। अगर पेरेंट्स का कहीं और ट्रांसफर होता है तो बच्चों को भी इंटर-स्टेट ट्रांसफर की सुविधा मिलती थी। अब इसमें बदलाव किया गया है। पहले सीटें खाली होने पर सभी पेरेंट्स के बच्चों को ट्रांसफर की सुविधा थी। अब सिर्फ सरकारी नौकरी में पदस्थ पेरेंट्स के बच्चों को ही ये सुविधा मिलेगी। प्राइवेट नौकरी में काम कर रहे लोगों के बच्चों को स्टेट ट्रांसफर की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।