नई दिल्ली । शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया है। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। उद्धव गुट ने तत्काल सुनवाई की गुजारिश की। उनकी मांग पर सीजेआई ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि याचिका को अर्जेंट मेंशन करने की एक प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जाना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के आदेश का उल्लेख किया। इस पर सीजेआई ने कहा कि अर्जेंट मैटर के मेंशन का सिस्टम बनाया गया है। सभी को उस सिस्टम को मानना पड़ेगा। इसलिए उन्हें मंगलवार को आना चाहिए। दरअसल, यह याचिका मेंशनिंग लिस्ट में नहीं थी। इसकारण सुप्रीम कोर्ट ने इस मंगलवार को मेंशन करने के लिए कहा। ठाकरे गुट ने निर्वाचन आयोग के आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस पर स्टे लगाने की गुहार लगाई है। उद्धव गुट इस कोशिश में लगा हुआ था कि याचिका को तुरंत सुनवाई के लिए लिस्ट हो जाए। उद्धव गुट के कदम की भनक शिंदे गुट को पहले ही थी। इसकारण उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले के बाद ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया था। दरअसल, चुनाव आयोग ने अपने फैसले में शिवसेना का नाम और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को देने का निर्णय लिया था। इस फैसले के बाद एक तरफ शिंदे गुट में खुशी की लहर दौड़ गई थी, तब वहीं उद्धव गुट ने इस फैसले को सुनियोजित और पक्षपातपूर्ण बताया था। शिवसेना का नाम और निशान मिलने से उत्साहित शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर ये मांग कर दी थी कि बिना उनका पक्ष सुने कोई भी एकतरफा आदेश पारित न किया जाए।

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