आईबीएन, डेस्क, भोपाल। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश में होने वाले आम चुनाव 2024 की घोषणा कर दी है। लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को 21 राज्यों की 102 सीटों के लिए वोटिंग होगी। दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 89 सीटों पर, तीसरे चरण में 07 मई को 94 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं चौथे चरण में 13 मई को 96 सीटों पर, पांचवें चरण में 20 मई को 49 सीटों पर आमजन वोट डालेंगे। 6वें चरण में 25 मई को 57 और 7वें व अंतिम चरण में 57 सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव सिंह ने कहा, “यह हम लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। 2024 दुनिया के लिए भी चुनावों का साल है। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। लोकतंत्र के रंग यहां उभरते हैं और सभी हिस्सों का इसमें समावेश होता है। हमारा वादा है कि हम चुनाव इस तरह कराएंगे जो देश की चमक को बढ़ाएगा। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होना बाकी हैं।

आम चुनाव में चार तरह की चुनौतियां
चुनाव आयोग ने कहा कि मसल पावर, मनी पावर, मिसइनफॉर्मेशन और वायलेशन ये चार तरह की चुनौतियां आयोग के सामने हैं। मसल पावर को कंट्रोल के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबल की तैनाती की जाएगी। मनी पावर पर हम सख्ती बरत रहे हैं। पिछले 11 विधानसभा चुनाव में हमने 34 सौ करोड़ रुपये जब्त किया था। मिसइन्फॉर्मेशन रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अफवाह फैलाने के लिए इंस्ट्रक्शन दिए गए हैं। सेक्शन 69 और 73 आईटी एक्ट के तहत सभी अधिकृत अधिकारी सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का आदेश दे सकते हैं। अगर कोई फर्जी पोस्ट करेगा तो हम वैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मिथ बनाम हकीकत नामक वेबसाइट चु्नाव आयोग शुरू करेगा ताकि सबको हकीकत का पता चले। सोशल मीडिया पर जो भी सूचना आए उसको आम लोग भी जरा देखकर भी आगे बढ़ाए। आखिरी दिक्कत है चुनावी प्रक्रिया का वायलेशन। हमने राजनीतिक दलों से कहा है कि वो स्टार कैंपेनर को हमारी गाइडलाइन दे दें। आचार संहिता के उल्लंघन के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।

भारत में मतदाताओं की संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा

राजीव कुमार ने कहा कि भौगोलिक, सांस्कृतिक रूप से विविध इस देश के सबसे बड़े चुनाव के लिए हमने दो वर्ष तक तैयारी की है। हमारे पास 97 करोड़ मतदाता हैं। यह संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा है। हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों के पास होती है। 55 लाख ईवीएम हैं। चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है। पिछले 11 चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं। अदालती मुकदमे कम हुए हैं।

CEC ने बताई हर उम्र वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या
हमने पिछले एक साल में नए वोटरों को जोड़ने पर बहुत मेहनत की है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाता होंगे। 20 से 29 साल उम्र के 19.74 करोड़ मतदाता होंगे। 82 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है।

85+ वोटर के वोट घर से लेंगे
चुनाव आयोग ने कहा कि इस बार देश में पहली बार ये व्यवस्था एकसाथ लागू होगी कि जो 85 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता हैं। उन सबके पास हम फॉर्म पहुंचाएंगे। अगर वो ये कहेंगे कि वो बूथ पर नहीं आएंगे तो हम उनके घर वोट लेने जाएंगे। पहाड़ के बर्फ से लेकर जंगल में भी जाएंगे। वोटर के लिए हम तमाम कोशिश करेंगे।

मतदाता सूची की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों को शामिल किया गया
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है ताकि बाद में कोई यह नहीं कहे कि हमें नहीं बताया गया। जिलाधिकारियों ने हर जिले में राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की हैं। उनकी आपत्तियों का निराकरण किया गया है।

नए मतदाताओं में 85 लाख महिलाएं, 1 अप्रैल से 13.4 लाख नए मतदाता जुड़ेंगे
उन्होंने कहा कि महिला मतदाताओं को जोड़ने में भी हमने मेहनत की है। देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हो गई है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाताओं में 85 लाख तो महिला मतदाता हैं। 17 से ज्यादा उम्र के 13.4 लाख नए मतदाताओं की अग्रिम अर्जियां हमारे पास आ चुकी हैं। ये ऐसे वोटर होंगे, जो 1 अप्रैल को 18 साल की उम्र पूरी कर लेंगे।

 

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