मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर

आईबीएन, डेस्क, इंदौर। हनी ट्रैप केस की सीडी, वीडियो की कहानी से अब पर्दा उठना शुरु होगा। जिला कोर्ट ने 23 मार्च को इसके लिए आदेश जारी कर दिया है कि अब अगली सुनवाई आरोप तर्क के लिए 22 अप्रैल को रहेगी। यानि की पुलिस द्वारा जब्त सबूत, जांच, चालान के साथ मुख्य फरियादी हरभजन सिंह के आवेदन सभी के आधार पर कोर्ट तय करेगी कि किस आरोपी पर कौन सा अपराध बनता है। इन सभी पर आरोप तय हो जाएंगे।

22 अप्रैल को सभी आरोपियों पर आरोप तय किए जाएंगे। इसके बाद इन आरोपों को साबित करने के लिए गवाही शुरू होगी जिसमें पहली गवाही हरभजन सिंह की होगी। इस गवाही के साथ ही सबूतों को जिला कोर्ट में पेश करना शुरु किया जाएगा, जो अभी तक कोर्ट की अभिरक्षा में सुरक्षित है। जिसमें आरोपियों के पास जब्त मोबाइल, सीडी, लैपटॉप, पैनड्राइव में बंद संवेदनशील वीडियो भी है, जिसने पूरे मप्र की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचाई हुई है।

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आरोपियों का एक और आवेदन खारिज

जिला कोर्ट ने 23 मार्च को हनी ट्रैप केस में आरोपी श्वेता पति विजय जैन, आरती दयाल, बरखा सोनी द्वारा दिया गया 173 का आवेदन जिला कोर्ट से खारिज कर दिया है। इसके साथ ही जिला कोर्ट ने साफ कर दिया कि सभी आवेदनों का निराकरण हो चुका है। इसमें धारा 173 के तहत आवेदन था कि जांच एजेंसी एक तय समय में जांच पूरी करें, अभी तक उन्होंने पूरक चालान पेश नहीं किया और ना ही कोई अन्य साक्ष्य आदि जब्त किए या पेश किए। इस पर विशेष लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर द्वारा आपत्ति ली गई थी कि जांच एजेंसी को इस तरह दबाव में नहीं डाला जा सकता है कि वह जांच जल्द पूरी करें. यह जांच को प्रभावित करने वाला कार्य है। उनके तर्क सुनने के बाद जिला कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए आरोपियों के 173 के आवेदन को निरस्त कर दिया।

पूर्व सीएम कमलनाथ संबंधी आवेदन भी हो चुका है खारिज

इसके पहले आरोपियों द्वारा पूर्व सीएम कमलनाथ ने बयान दिया था कि उनके पास हनी ट्रैप के सीडी-पैनड्राइव है, को लेकर आवेदन लगाया था कि इसे कोर्ट में पेश काराया जाए। इसमें बीते सुनवाई में जिला कोर्ट ने शासन पक्ष की दलील के बाद खारिज कर दिया गया था, इसमें आया था कि कमलनाथ के पास से एसआईटी ने कुछ भी जब्त नहीं किया है।

 

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