आईबीएन, चित्रकूट/सतना। चित्रकूट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रीरामलीला महोत्सव के समापन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि चित्रकूट को धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। अयोध्या की तरह चित्रकूट का भी महत्त्व बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारें मिलकर कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट भगवान श्रीराम के जीवन और मर्यादा का प्रतीक है, जो समाज में नैतिकता और सांस्कृतिक मूल्यों का संवर्धन करता है।
श्रीराम के आदर्श और सामाजिक बदलाव की आवश्यकता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान श्रीराम के आदर्शों का स्मरण करते हुए कहा कि श्रीराम का जीवन प्रत्येक नागरिक को प्रेरणा देता है। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उन्होंने नैतिकता और सांस्कृतिक चेतना का महत्व बताया। राज्य सरकार ने सभी प्रमुख त्यौहारों को उल्लासपूर्ण तरीके से मनाने का निर्णय लिया है। इस बार गोवर्धन पूजा भी मंत्रिमंडल के सहयोगियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मनाई जाएगी।
दुग्ध उत्पादन और पशुपालकों के लिए विशेष योजनाएँ
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अगले दो वर्षों में इसे 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। इसके तहत पशुपालकों को बोनस देने के साथ गौ पालन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। बड़ी गौशालाओं को भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे प्रदेश में गौ संरक्षण को बल मिले।
राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा श्रीराम वन गमन पथ : लोधी
संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास बताया। श्रीराम वन गमन पथ के 23 स्थलों के विकास का कार्य भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा।
रामलीला महोत्सव की विशेषताएँ
अंतर्राष्ट्रीय श्रीरामलीला महोत्सव के दौरान भगवान श्रीराम के विभिन्न प्रसंगों का भव्य मंचन किया गया। महोत्सव में सेतुबंध, रामेश्वरम स्थापना, रावण-अंगद संवाद, कुंभकरण, मेघनाथ और रावण मरण जैसे प्रसिद्ध प्रसंग प्रस्तुत किए गए। रीवा की प्रसिद्ध लोक गायिका कल्याणी मिश्रा और साथी कलाकारों ने बघेली लोकगीतों के माध्यम से श्रीराम और सीता के जीवन का भावपूर्ण वर्णन किया। समारोह में “श्रीरामराजा सरकार” के छत्तीस गुणों पर आधारित चित्र कथन प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।