आईबीएन, डेस्क। कटहल दुनिया का सबसे बड़ा फल है, इसका आकार 10 से 25 किलो तक हो सकता है। आमतौर पर कटहल को सब्जी ही माना जाता है, लेकिन वनस्पति शास्त्र में इसे फल कहा गया है।
विशेष बात यह है कि कटहल की उत्पत्ति भारत में ही मानी जाती है और हजारों सालों से भारत में इसे खाया जा रहा है। भारत से ही यह अन्य देशों में गया और वहां भी इसे पसंद किया गया।
दक्षिण भारत सहित उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में हजारों सालों से कटहल के पेड़ पाए जाते हैं और इसकी उत्पत्ति मोटे तने से निकले फूलों से होती है। भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसकी जानकारी दी गई है और कहा जाता है कि देश में इसकी उत्पत्ति 3000 ईसा पूर्व से हो रही है। भारत के अलावा कटहल का पेड़ बांग्लादेश, मलेशिया, बर्मा, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिलीपींस, कैरीबियाई द्वीपों में, पश्चिम अफ्रीका में भी पाया जाता है।
भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में कटहल की जानकारी दी गई है और कहा जाता है कि देश में इसकी उत्पत्ति 3000 ईसा पूर्व से हो रही है।इसके अलावा उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील आदि देशों में यह उगाया और खाया जाता है। भारत में ही उत्पत्ति के बाद कटहल पड़ोसी देशों तक पहुंचा।
यह सब्जी के बजाय फल इसलिए है कि इसकी उत्पत्ति फूलों से होती है। विशेष बात यह है कि कटहल के पेड़ पर नर और मादा फूल लगते हैं, लेकिन मादा फूल से ही कटहल बनता है। नर फूल खिलने के बाद सूखकरबिखर जाता है.
कटहल शरीर के लिए तो लाभकारी है ही, इसके सेवन से चिकित्सीय लाभ भी मिलते हैं. प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में इसे ‘पनसम्’ कहा गया है। वहां पका कटहल खाने की सलाह दी गई और कहा गया है कि यह खाने में मधुर, हलका सा कसैला, स्निग्ध के अलावा भारी होता है। आधुनिक युग में इस फल के और गुण उभरकर आए हैं, जैसे कटहल विटामिन और फाइबर से भरपूर है। इसमें विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन विटामिन सी और विटामिन ई भी उपलब्ध है। इस फल में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैंगनीज जैसे खनिज प्रदान भी पाए जाते हैं।
आहार विशेषज्ञ व योगाचार्य रमा गुप्ता के अनुसार इन्हीं गुणों के कारण कटहल बालों की जड़ों को मजबूत करता है, आंखों के लिए गुणकारी है। यह शरीर में खून को बढ़ाता है, जिससे एनीमिया की समस्या नहीं होती। कटहल शरीर की सूजन रोकने में कारगर है और हार्ट को फिट रखता है। यह झुर्रियों को रोकता है। इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को पुष्ट करता है। यह दस्त को भी रोकता है पर इसके अधिक सेवन से पाचन संबंधी समस्या पैदा हो सकती है। कभी-कभी यह मुंह व गले में खराश भी पैदा कर देता है। जिनको शुगर है, उन्हें भी इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए.

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